Raja Raw Paathar Mela /राजा राव पठार मेला
छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला में धमतरी जगदलपुर नेशनल हाईवे पर स्थित धमतरी से 15 किलोमीटर एवं रायपुर से 98 किलोमीटर दूर स्थित एक पठार जो की आदिवासी का एक महोत्सव जो शीतकालीन ऋतु मे छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्र शहीद वीर नारायण सिंह की याद में मनाया जाने वाला एक बहुत ही उत्साह जनक एवं एकजुटता का परिचय देता है! अधिकांशत दिसंबर माह के प्रथम व द्वितीय सप्ताह में मनाने जाने वाला यह महोत्सव है!
यह भी पढ़ें: शहीद वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी
राजा राव पठार मेला आदिवासियों की संस्कृति पहनावा रीति रिवाज तथा अपने इष्ट देवी देवताओं को अर्पित एक अलौकिक सम्मान जो कि आदिवासियों की निष्ठा परंपरा एवं उत्साह को दर्शाता है यह बहुत ही भव्य एवं उत्साह पूर्ण आदिवासी महासभा को दर्शाता है यहां आसपास के गांव के सभी आदिवासी ग्रामीण भाई बहन मिलकर इस महोत्सव को मनोरम एवं उत्साह प्रदान करते हैं यहां वे अपनी इष्ट देवी देवताओं को लाते हैं और सभी गांव के देवी देवताओं का मेल मिलाप एवं प्राण प्रतिष्ठा किया जाता है जोकि आदिवासियों के लिए किसी पर्व से कम का प्रतीत नहीं होता!
राजा राव पठार की भव्यता
राजा राव पठार बालोद |
छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला में धमतरी जगदलपुर नेशनल हाईवे पर स्थित धमतरी से 15 किलोमीटर एवं रायपुर से 98 किलोमीटर दूर स्थित एक पठार जो की आदिवासी का एक महोत्सव जो शीतकालीन ऋतु मे छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्र शहीद वीर नारायण सिंह की याद में मनाया जाने वाला एक बहुत ही उत्साह जनक एवं एकजुटता का परिचय देता है! अधिकांशत दिसंबर माह के प्रथम व द्वितीय सप्ताह में मनाने जाने वाला यह महोत्सव है!
यह भी पढ़ें: शहीद वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी
राजा राव पठार मेला आदिवासियों की संस्कृति पहनावा रीति रिवाज तथा अपने इष्ट देवी देवताओं को अर्पित एक अलौकिक सम्मान जो कि आदिवासियों की निष्ठा परंपरा एवं उत्साह को दर्शाता है यह बहुत ही भव्य एवं उत्साह पूर्ण आदिवासी महासभा को दर्शाता है यहां आसपास के गांव के सभी आदिवासी ग्रामीण भाई बहन मिलकर इस महोत्सव को मनोरम एवं उत्साह प्रदान करते हैं यहां वे अपनी इष्ट देवी देवताओं को लाते हैं और सभी गांव के देवी देवताओं का मेल मिलाप एवं प्राण प्रतिष्ठा किया जाता है जोकि आदिवासियों के लिए किसी पर्व से कम का प्रतीत नहीं होता!
राजा राव पठार की भव्यता
राजा राव पठार की भव्यता इसी बात से लगाए जा सकते हैं कि यह पूरे संभाग तथा प्रदेश के आदिवासियों का एक बहुत ही पवित्र स्थान माना जाता है एवं आसपास के सभी आदिवासियों को आमंत्रण एवं निमंत्रण दिया जाता है सभी आदिवासी यहां उपस्थित होते हैं एवं विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है एवं अपने कला संस्कृति एवं परंपराओं का प्रदर्शन किया जाता है! यहां आए हुए सभी आदिवासियों उत्साह एवं रोमांच बहुत ही अद्भुत होता है!
बढ़िया लगी अच्छी अर्टिकल है!! सेवा जोहार 🙏🙏
ReplyDelete